प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज, जिन्हें प्रेमानंद जी महाराज के नाम से जाना जाता है, भारत के एक प्रतिष्ठित रसिक संत और आध्यात्मिक गुरु हैं। उनका जीवन त्याग, भक्ति और आध्यात्मिक साधना का प्रेरणादायक उदाहरण है।

🌼 जीवन परिचय
- जन्म: 30 मार्च 1969, अखरी गांव, सरसौल ब्लॉक, कानपुर, उत्तर प्रदेश
- मूल नाम: अनिरुद्ध कुमार पांडे
- माता-पिता: श्री शंभू पांडे और श्रीमती रमा देवी
- गुरु: हित गौरांगी शरण जी महाराज
- सम्प्रदाय: राधा वल्लभ सम्प्रदाय
- वर्तमान निवास: वृंदावन, उत्तर प्रदेश
प्रेमानंद जी महाराज का जन्म एक धार्मिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके दादा और पिता दोनों ही संन्यासी थे, जिससे उनके जीवन में आध्यात्मिकता की गहरी छाप पड़ी। महज 13 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग कर संन्यास ग्रहण किया और आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर हुए।
🕉️ आध्यात्मिक यात्रा
संन्यास लेने के बाद, प्रेमानंद जी महाराज ने वाराणसी में गंगा के तट पर कठोर तपस्या की। वहां उन्होंने “आनंदस्वरूप ब्रह्मचारी” और बाद में “स्वामी आनंदाश्रम” नाम से साधना की। वृंदावन में रासलीला के दर्शन के बाद उन्होंने राधा वल्लभ सम्प्रदाय में दीक्षा ली और “प्रेमानंद गोविंद शरण” नाम प्राप्त किया।
🏵️ संघर्ष और समर्पण
एक समय ऐसा भी आया जब प्रेमानंद जी महाराज गंभीर रूप से बीमार हो गए और उन्हें आश्रम से निष्कासित कर दिया गया। उस समय उनके पास न तो धन था और न ही कोई सहारा। फिर भी उन्होंने भगवान पर अटूट विश्वास बनाए रखा और भक्ति मार्ग से विचलित नहीं हुए। उनकी दोनों किडनियाँ खराब हो चुकी हैं और उन्हें सप्ताह में तीन बार डायलिसिस की आवश्यकता होती है।
🛕 श्री हित राधा केली कुंज ट्रस्ट
वर्ष 2016 में, प्रेमानंद जी महाराज ने वृंदावन में “श्री हित राधा केली कुंज ट्रस्ट” की स्थापना की। यह संस्था भक्ति, सामाजिक कल्याण, निशुल्क भोजन, चिकित्सा और आवास जैसी सेवाएं प्रदान करती है।
📚 शिक्षाएँ और विचार
- गुरु की महत्ता को सर्वोपरि मानते हैं।
- ब्रह्मचर्य और चरित्र निर्माण को जीवन का आवश्यक अंग मानते हैं।
- भक्ति मार्ग को मोक्ष प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन मानते हैं।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: प्रेमानंद जी महाराज का असली नाम क्या है?
उत्तर: उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है।
प्रश्न 2: उन्होंने संन्यास कब लिया?
उत्तर: महज 13 वर्ष की आयु में उन्होंने संन्यास ग्रहण किया।
प्रश्न 3: उनकी आध्यात्मिक शिक्षा कहाँ हुई?
उत्तर: उन्होंने वाराणसी में गंगा के तट पर कठोर तपस्या की और वृंदावन में राधा वल्लभ सम्प्रदाय में दीक्षा ली।
प्रश्न 4: क्या प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं?
उत्तर: नहीं, वह सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं।
प्रश्न 5: उनकी संस्था “श्री हित राधा केली कुंज ट्रस्ट” क्या कार्य करती है?
उत्तर: यह संस्था भक्ति, सामाजिक कल्याण, निशुल्क भोजन, चिकित्सा और आवास जैसी सेवाएं प्रदान करती है।
प्रेमानंद जी महाराज का जीवन हमें सिखाता है कि भक्ति, समर्पण और आत्मविश्वास से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। उनकी शिक्षाएँ आज भी लाखों लोगों को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करती हैं।